उस रात दिल्ली से जयपुर तक के सफ़र में स्नेहा ने उन सब के अलग रूप को देखा उस रात दिल्ली से जयपुर तक के सफ़र में स्नेहा ने उन सब के अलग रूप को देखा
इस बार भक्तिजान का साथ भी उसे मिल रहा था क्योंकि अगला लक्ष्य एक युवती की रक्षा करना था इस बार भक्तिजान का साथ भी उसे मिल रहा था क्योंकि अगला लक्ष्य एक युवती की रक्षा क...
मैं दशानन नहीं जी, नयी सदी का शतानन... सहस्त्रानन हूँ... विकासोन्मुखी हूं... हा हा हा ह मैं दशानन नहीं जी, नयी सदी का शतानन... सहस्त्रानन हूँ... विकासोन्मुखी हूं... हा ...
तुम्हें और रोहन को असीम स्नेह।जब तुम दोनों को जरूरत होगी मुझे अपने साथ ही पाओगे। तुम्हें और रोहन को असीम स्नेह।जब तुम दोनों को जरूरत होगी मुझे अपने साथ ही पाओगे।
"इसे खोलना, पढ़ना, समझना तब देखना, जिंदगी में बधाई दोगी नहीं लोगी। "इसे खोलना, पढ़ना, समझना तब देखना, जिंदगी में बधाई दोगी नहीं लोगी।
घबरा कर कमली ने आँखे खोली ही थी की तभी इंटरकॉम पर मैसेस मिला की कुछ रिपोर्टर उससे मिलना चाहते है.. घबरा कर कमली ने आँखे खोली ही थी की तभी इंटरकॉम पर मैसेस मिला की कुछ रिपोर्टर उसस...